Videos

Special Report : हिंदी में Artificial Intelligence | AI in Hindi | 25 February, 2023



Sansad TV

दक्षिण प्रशांत द्वीपसमूह राष्ट्र फिजी में चला 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन अपने साथ नई राहें… नया विश्लेषण और नई चुनौतियों के लिए तैयार रहने का संदेश लेकर आया। इस बार अपनी पिछली यात्राओं से आगे बढ़ता हुई हिंदी सम्मेलम भविष्य के साथ तालमेल बैठाने पर ज्यादा फोकस करता नजर आया। इस साल का मुख्य विषय रहा पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम मेधा तक.. यानि from traditional knowledge to artificial intelligence। फिजी में पूरी दुनिया भर से हिंदी प्रेमी इकट्टा हुए। 30 से ज्यादा देशों के 1 हजार से ज्यादा लोगों ने इस सम्मेलन में शिरकत की। हिंदी का महाकुंभ समझे जाने वाले विश्व हिंदी सम्मेलन में हिंदी और इसके प्रभाव के बारे में चर्चा हुई। वैश्विक नेटवर्क का मंच बन चुके विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान भारत और फ़िजी समेत विश्व के अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने एक सुर में यह बात कही कि कृत्रिम मेधा यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक सूचना, ज्ञान और अनुसंधान तकनीक का हिंदी माध्यम में प्रयोग करके भारतीय ज्ञान परंपरा और अन्य पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को विश्व की बहुत बड़ी जनसंख्या तक पहुंचाया जा सकता है।

Anchor & Producer: Preeti Singh
Cameraperson: Ajendra Kumar
Editor : Mukhtar Ali

Follow us on:
-Twitter: https://twitter.com/sansad_tv
-Insta: https://www.instagram.com/sansad.tv
-FB: https://www.facebook.com/SansadTelevision/
-Koo: https://www.kooapp.com/profile/Sansad_TV

Subscribe to Sansad TV YouTube Channel: https://www.youtube.com/c/SansadTV

Visit Sansad TV website: https://sansadtv.nic.in/

Source

Similar Posts

25 thoughts on “Special Report : हिंदी में Artificial Intelligence | AI in Hindi | 25 February, 2023
  1. हिन्दुत्व, हिन्द, एवं हिन्दी सर्वोपरि!!!
    मेरा भारत महान।
    हिन्द महासागर 🪷🪷🪷

  2. भारत में भी हिंदी को अधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए। और सभी परीक्षा मोबाइल के सूचना विभाग की जानकारी आदि में हिंदी को ऊपर लिखा या बोला जाना चाहिए। अभी मोबाइल में कहता है इंग्लिश फिर प्रेस वन, हिंदी के लिए 2 दबाएं, बहुत बुरा लगता है उस समय।

  3. बहतै नीक लाग।
    फिजी म अवधी समझा औ बोला जात है।
    जय अवधी जय हिंदी।

  4. भारतीय संस्कृति का अंग्रेजीकरण होता हुआ इस मानसिक अंग्रेजी गुलामी से हम कभी भी विकसित नही हो सकते याद रखना
    और कोई भी देश विदेशी भाषा मे शिक्षा देकर विकसित नही हुआ है पता नही भारत सरकार और इस देश के लोग ये कब समझेंगे
    हमे मातृभाषा शिक्षा व संपर्क की भाषा हिंदी को बनाना होगा तभी ये देश सही अर्थो मे विकसित होगा और हम इस देश की संस्कृति को भी बचा पायगे वरना इस देश के लोग बस काले अंग्रेज बन कर रह जायेंगे

  5. गर्रव है, हिंद की हिंदी पर, गौरव है भारत की, वाणीं सममेंलंन, भाषा सममेंलंन।

  6. जापान के महोदय ने जो बताया वो 100% सही है हम भारतीयों की ही अंग्रेजीयत नहीं छुट रही है तो अंग्रेजी बोलने वालो को कैसे हिंदी शिखाएंगे 🇮🇳. पहले हिंदी फिर अंग्रेजी 🙏🏻

Comments are closed.

WP2Social Auto Publish Powered By : XYZScripts.com